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Showing posts from November, 2017

Digital Signature

डिजिटल सिग्नेचर के बारे में अगर आप जानते हैं तो तो बहुत बढ़िया है लेकिन नहीं जानते तो यह लेख आपके लिए है।  जिसमे  मैं आपको बताऊंगा की  डिजिटल सिग्नेचर क्या  होता है,  इसे कहाँ यूज़  किया जाता है, और इसको कैसे बनाया जाता है। तो इस बात से तो अप भली भांति परिचित हैं कि आजकल इन्टरनेट कितना आगे बढ़ चूका है और बढ़ता ही जा रहा है पर्यावरण को बचाने के लिए और कागजो को कम करने के लिए अब आधे से से ज्यादा चीजे ऑनलाइन हो गयी हैं । यानि  डिजिटल  हो हो गई हैं जिसके लिए हमें कागजो की कोई आवश्यकता नहीं है ।  और भारत सरकार ने भी अब डिजिटल चीजो को बढ़ावा देने के लिए  Digital India  के तहत बहुत साड़ी चीजे डिजिटल कर दी और डाक्यूमेंट्स को इन्टरनेट पर स्टोर और सुरक्षित रखने के लिए एक वेबसाइट  Digital Locker   भी बनवाई है।   जिस पर हम अपना अकाउंट बनाकर हर दस्तावेज को रुरक्षित रख सकते हैं और फिर हमें अपने पास किसी भी दस्तावेज ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं ।  हमें जहाँ भी वो वे दस्तावेज भेजने होंगे हम Digital locker से ही सेंड कर स...

E Governance

ई‍-शासन/ई-गवर्नेंस क्या है? ई- गवर्नेंस एक ऐसा सिस्‍टम है जिससे सरकारी काम-काज में पारदर्शिता के साथ-साथ सभी सेवायें जनसामान्‍य तक तत्‍काल पहुॅचाया जा रही हैं, बहुत से लोगों को ऑफिसाें के चक्‍कर लगाने से डर लगता था वह भी अब बडे आराम से इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही जनहित गारंटी अधिनियम ने ई- गवर्नेंस में तेजी ला दी है, दफ्तरों में कर्मचारियों को समयसीमा में बॉध दिया गया है, जनहित के कामों के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है, जिससे सरकारी काम-काज में लेटलतीफी और रिश्‍वतखोरी पर लगाम भी लगेगी।  ज्‍यादातर सरकारी योजनाओं की जानकारी आज इंटरनेट पर हिन्दी में उपलब्ध है। चाहे वह किसानों से सम्‍बन्धित हो या मनरेगा से। आयकर भरने के साथ-साथ बिजली, पानी, फोन, बीमा आदि के लिए भुगतान करने से लेकर नौकरी के लिये फॉर्म भरने रिजल्‍ट देखने एवं आय-जाति निवास प्रमाणपत्र बनवाने जैसे काम "ई-गवर्नेंस" के माध्‍यम से इंटरनेट द्वारा बडी ही सरलता से कर सकते हैं।  यहॉ तक कि अब सभी सरकारी अदालतों को भी ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे मुकदमों की तारीख के लिये भी आपको कोर्ट नहीं जाना होगा, जल...

Digital and electronic signature

आजकल सभी सरकारी सेवायें लोगों को  "ई-गवर्नेंस" के माध्‍यम से प्राप्‍त हो रही हैं, जिसमें पेनकार्ड, वोटरकार्ड, आधार कार्ड के अलावा कई प्रकार के ऐसे प्रमाण पञ भी हैं जिसके के लिये आपको  अपने जिले के सरकारी दफ्तरों तक जाना पडता था, जैसे  आय-जाति-निवास अादि प्रमाण पञ आदि। पहले इन प्रमाण पञों पर अधिकारियों के हस्‍ताक्षर होते थे, लेकिन अब यह काम डिजिटल सिग्नेचर द्वारा किया जा रहा है। तो क्‍या है ये डिजिटल सिग्नेचर आईये जानते हैं -  क्‍या है प्रक्रिया  डिजिटल सिग्नेचर के बारे में जानने के पहले थोडा सरकारी तंञ समझ लेते हैं, पहले के सर्टिफिकेट्स  मैनुअल तरीके से तैयार किये जाते थे, जिसमें आवेदनकर्ता, अावेदन भरता था और उसमें जरूरी अटैचमेंट्स लगता था अौर उसे कार्यालय में जमा करता था, फिर उसके अावेदन को जॉच के लिये जॉच अधिकारी या कर्मचारी के पास भ्‍ोजा जाता था, जॉच के स्‍तर इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपने किस प्रकार के प्रमाण पञ के लिये आवेदन किया है। जॉच होने के उपरान्‍त वह सर्टिफिकेट्स कार्यालय में वापस आता है और सक्षम अधिकारी द्वारा उसे हस्‍ताक्षर...